How to Develop Teaching Skills In hindi full Information | शिक्षण कौशल कैसे विकसित करें ?

 How to Develop Teaching Skills In hindi full Information



कुछ लोगों को लगता है कि Student ( छात्र ) की एक क्लॉस को पढ़ाना बहुत आसान काम होता है, लेकिन ये उनकी सोच से ज्यादा मुश्किल काम है। 

इसके लिए ना आपको अलग-अलग सब्जेक्ट्स की जानकारी होनी चाहिए बल्कि Student ( छात्र ) के एक बडे ग्रुप को संभालने के लिए और भी कई तरह का हुनर आना चाहिए। 

और ऐसे अलग-अलग हुनर की तब और ज्यादा जरूरत पड जाती है जब Subject ( विषय ) बहुत ही इंट्रस्टिंग ना हो। जब आपने नई टीचिंग स्किल्स होती है तब आपके लिए आसान हो जाता है 

Teaching is an art ( पढ़ाना ) एक कला है, इसके लिए बहुत धैर्य, Subject ( विषय ) पर अच्छी पकड और सबसे जरूरी सही तरीके से उस ज्ञान को Student ( छात्र ) को दे पाने की कला की आवश्यकता होती है। 

तो चलिए जानते है कि ऐसी कौन सी टीचिंग स्किल्स है जिसे ध्यान में रखकर आप अपनी टीचिंग एबिलिटी को और भी अच्छा बना सकते हैं। 

हम आपको ऐसे आसान तरीके बताएँगे जिससे आप अपने स्टूडेंट्स के Favorite Teacher बन सकते हैं। इसीलिए इस article ( लेख ) को पूरा जरूर पढ़िए। 

तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि टीचिंग के लिए स्किल की जरूरत क्यों है। किसी भी काम को करने के लिए हुनर की जरूरत होती है। अगर आपने ये सब है तो आप अपने काम को बाकी लोगों के मुकाबले ज्यादा अच्छे तरीके से कर सकते हैं। 

हर फील्ड में इस Extra टैलेंट की जरुरत होती है जिसे स्किल कहा जाता है। इसी तरह टीचिंग फील्ड में भी स्किल की जरूरत होती है। आपके पास जितना ज्यादा हुनर होगा आपके पढाने के तरीके में जितना ज्यादा नयापन होगा, Student ( छात्र ) उतना ज्यादा आपको पसंद करेंगे और सीखने के इच्छुक होंगे।

How to develop your teaching skills

सबसे पहला है कम्यूनिकेश और Under standing teaching ( शिक्षण को समझना ) का सबसे बडा हिस्सा होता है,  communication ये किसी भी तरह का हो सकता है। 

  • लिखकर 
  • बोलकर 
  • चिन्हों के जरिए। 

Teacher ( अध्यापक ) को अपने communication स्किल को बेहतर करना होता है, ताकि आसानी से Student को उनकी बात समझ में आ जाए। 

इसके साथ ही काबिल Teacher उसे कहा जाता है जो आपने स्टूडेंट्स की समस्याओं को समझे और उसे सुलझाने में उसकी मदद करे। चाहे वो समस्या व्यक्तिगत हो या पढाई से जुडी हो। 

How should a teacher self-confidence be?

एक Teacher ( टीचर ) को हमेशा Self-Confidence ( आत्मविश्वास ) से भरा हुआ, होना चाहिए। उसे हमेशा शांत और professional ( पेशेवर ) दिखना चाहिए, चाहे वो कितना भी थका और परेशान क्यों ना हो,  क्योंकि एक टीचर की पर्सनॉलिटी की छाप भी उसके स्टूडेंट पर पडती है। एक आत्मविश्वास से भरा टीचर ही सही Student को तैयार कर सकता है।

How to motivate and give feedback to your students

Teacher ( अध्यापक ) को चाहिए कि वो समय-समय पर अपने Student छात्रों को motivate ( उत्साहित ) करे। 

अब motivate ( उत्साहित ) करने में दो चीजें शामिल है। एक तो किसी भी काम के लिए प्रोत्साहित करना कि तुम ये काम कर सकते हो और किसी भी काम में कुछ कमी रह गई हो तो गाइड करना और बताना कि कहाँ पर क्या कमी है और उसे कैसे सुधारा जा सकता है ताकि आगे से गलती ना हो। 

ये दोनों ही चीजें motivate ( उत्साह ) में शामिल है। स्टूडेंट के हर creative ( रचनात्मक )काम के लिए उसे Feedback ( प्रतिपुष्टि ) देना चाहिए, चाहे वो काम सही हो या गलत हो। इससे स्टूडेंट्स motivate ( उत्साह ) होते है।

 Become a master in your subject 

अब जिस भी विषय के टीचर उसमें आपको इतनी गहरी नॉलेज होनी चाहिए कि आप बहुत ही आसानी से किसी को भी वो विषय समझा सके और जब तक आपको डीप नॉलेज नहीं होगी तब तक आप सामने वाले को भी कुछ नहीं समझा पाएंगे आप ये मान कर चलिए कि सामने जो स्टूडेंट बैठा है उसे इस विषय की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। अब आप शुरुआत से समझाना शुरू करे और वो भी उदाहरण के साथ। इससे स्टूडेंट की उस विषय में रूचि बढेगी जिससे वो सवाल करेगा और सवाल करने से आपके नॉलेज का भी विस्तार होगा। 

पढाई आदान प्रदान की चीज है और आपको ये बात हमेशा ध्यान रखनी है कि जैसे ही एक स्टूडेंट अपने टीचर से कुछ नया सीखता है वैसे ही एक टीचर भी रोज अपने स्टूडेंट से कुछ नया सीखता है। 

How to keep updated yourself

आज की डेट में Teacher ( अध्यापक ) को अपने आपको अप-टू-डेट रखना बहुत जरूरी है। टेक्नोलॉजी के युग में अपने स्टूडेंट्स को नई नई जानकारियों से रूबरू कराने के लिए ये जरूरी है, कि पहले Teacher ( अध्यापक ) खुद टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग ले और फिर अपने स्टूडेंट्स को पढाए। 

ये भी टीचिंग स्किल के लिए ज्यादा जरुरी है। खास करके इस टाइम में तो नए विचारों और उदाहरण के साथ पढाना भी अप टू डेट रहने का ही एक तरीका है। 

Follow the rules strictly 

student के साथ दयालु और कोमल बनकर स्टूडेंट्स के बीच में पाँच सरल बनना एक जाल है। Teacher ( अध्यापक )  को नरम के साथ कठोर भी होना चाहिए। जहां Student  आपकी दयालुता का लाभ उठाने लगे वहीं पर संभाल जाना चाहिए और नियमों की अनदेखी होने पर कडाई से काम लेना चाहिए। 

Treat everyone equally without discrimination

कभी आपने किसी भी student को ये महसूस होने दे की उसके साथ सही व्यवहार नहीं हो रहा है या भेदभाव हो रहा है। एक student को हमेशा ये लगना चाहिए की उसके टीचर उसके साथ बाकी स्टूडेंट की तरह ही सामान बिहेव कर रहे हैं ताकि वो अपनी पढाई पर और भी अच्छे से ध्यान दे सके। उसका ध्यान ऐसी सारी वेस्ट बातों पर ना जाए ।

Don't let the hatred grow towards the student

ये Teacher ( अध्यापक ) का ही काम है की वो अपने student के अंदर हीन भावना को बाहर निकले और उनमें कॉन्फिडेंस पैदा करे। स्कूल या कॉलेज की जिंदगी में student कई बार खुद को लेकर के पक्के नहीं होते है की वो आगे कुछ कर पाएंगे या नहीं कर पाएंगे। 

फिर उनकी पर्सनालिटी अच्छी है या नहीं। ऐसे वक्त में Teacher ( अध्यापक ) का ये काम है कि वो जीवन के ऐसे एक्स्ट्र ऑर्डिनरी उदाहरण देकर उन्हें समझाए और पर्सनालिटी डेवलप करने में उनकी हेल्प करें और अंत में हम यही कहेंगे कि ज्ञान प्रदान करने और जी को आकार देने के विशेषाधिकार का आनंद ले। 

जब आप खुद को एक शिक्षक के रूप में देखेंगे और आप सोचेंगे कि आप के जरिए देश के जिम्मेदार और समझदार नागरिक तैयार हो रहे हैं तो आपको अपने काम पर गर्व होगा। एक शिक्षक के रूप में आप अपने हर स्टूडेंट के दुसरे माता पिता है जो शिक्षा के माध्यम से उन्हें सही रास्ते पर चलना सिखाते हैं। ये एक बहुत ही बडी जिम्मेदारी है जिसे आपको बहुत प्यार से संभालना है और अपने कौशल से इसे निखारते रहना है। 

Conclusion

तो दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये Article आपको पसंद आया होगा। अगर आपके इससे संबंधित कोई और सवाल है जो आप हमें पूछना चाहते हैं तो प्लीज हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर के जरूर शेर करे धन्यवाद


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